AMAVASYA KAB HAI जाने सोमवती अमावस्या का महत्व 

आज का हमारा लेख है AMAVASYA KAB HAI जाने सोमवती अमावस्या के महत्व के बारे में अमावस्या जिसका हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है ! हर मास में एक अमावस्या और एक पूर्णिमा आती है! अमावस्या का ये दिन पितरों को समर्पित किया जाता है ! इस दिन लोग अपने पितरों को याद करते है उनका पिंड दान व् तर्पण करते है!

ऐसी मान्यताएं है की इस दिन सभी को अपने पितरो की पूजा करनी चाहिए और किसी का भी अपमान नहीं करना चाहिए और जरूरतमंद को भोजन कराना चाहिए दान करना चाहिए जिससे आपके पूर्वजो का आपको आशीर्वाद मिल सके ! ऐसा माना जाता है की इस दिन जरूरतमंद को दी जाने वाली चीज़े सीधे आपके पितरो के पास पहुँचती है! 

कुछ अमावस्या को अलग अलग नामों से भी जाना जाता है जैसे मौनी अमावस्या ,हरियाली अमावस्या ,पितृ अमावस्या ,दीप अमावस्या ,सोमवती अमावस्या ! 

बहुत से व्यक्तियों के मन में ये सवाल हर महीने आता है कि अमावस्या कब है (Amavasya kab hai ) उसी सवाल की खोज में कुछ लोग कैलेण्डर देखते है तो कोई अपने मोबाइल पर सर्च करता है ! इस लेख में मैं आपको पूरे वर्ष में AMAVASYA KAB HAI वो पूरी जानकारी दूंगा !

AMAVASYA KAB HAI जाने सोमवती अमावस्या का महत्व 

 AMAVASYA KAB HAI अमावस्या कब है ?

2 जनवरी 2022  रविवार      

1 फरवरी 2022  मंगलवार 

2 मार्च 2022 बुधवार 

1 अप्रैल 2022 शुक्रवार 

30 अप्रैल 2022 शनिवार 

30 मई 2022 सोमवार 

29 जून 2022 बुधवार 

28 जुलाई 2022  वीरवार 

27 अगस्त 2022  शनिवार 

25 सितम्बर 2022  रविवार 

25 अक्टूबर 2022  मंगलवार 

23 नवंबर 2022  बुधवार 

23 दिसम्बर 2022  शुक्रवार 

सोमवती अमावस्या कब है  Somvati Amavasya 2022

इस साल सोमवती अमावस्या 30 मई 2022 को पड़ रही है इस वर्ष में सिर्फ एक सोमवती अमावस्या है जिस दिन बहुत शुभ संयोग भी बन रहा है !

सोमवती अमावस्या का शुभ मुहर्त :

29 मई दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से 

30 मई दोपहर 4 बजकर 59 मिनट तक रहेगा !

AMAVASYA KAB HAI जाने सोमवती अमावस्या का महत्व 

आने वाली 30 मई 2022 दिन सोमवार को इस बार जयेष्ठ मास की अमावस्या पड़ रही है! सोमवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या भी कहते है !

इस बार की ये अमावस्या बहुत ही ख़ास संयोग बना रही है क्योकि इसी दिन वट सावित्री पूजा के साथ साथ शनि जयंती भी है और ऊपर से सुकर्मा और स्वार्थ सिद्धि योग भी बन रहा है और ऊपर से ये सब इस बार सोमवार को होने के कारण बहुत ही शुभ संयोग बन रहा हैं !

ज्योतिषाचार्य के मुताबिक इस तरह का दुर्लभ संयोग आज से 30 वर्ष पहले बना था ! इस दिन पूजा पाठ ,व्रत ,दान ,स्नान आदि का बहुत महत्त्व है ! 

इस दिन आप व्रत रखकर वट की पूजा करे ! भगवान् शिव व् माता पार्वती की पूजा कर सकते है इसके अलावा अगर आप इस दिन शनि की पूजा करते है तो आप पर शनिदेव की भी किरपा बनी रहती है!

 

सोमवती अमावस्या के दिन क्या करें ?

1. पवित्र स्नान :

इस दिन आपको किसी पवित्र नदी जैसे गंगा, यमुना आदि में स्नान करना चाहिए लेकिन फिर भी यदि आप ऐसा न कर सके तो आप घर पर नहाते समय अपनी पानी की बाल्टी में थोड़ा सा गंगा जल मिला कर स्नान कर सकते है ! इस दिन आपको शनि देव ,हनुमान जी , शिव व पार्वती दोनों की एक साथ पूजा करनी चाहिए !

2. पिंड दान :

इस दिन आपको तीर्थ स्थलों पर पिंडदान करना चाहिए ! सूर्य व पीपल को पानी देना चाहिए ! जिससे पितृ तृप्त होते है 

3. दान :

इस दिन दान का अपना विशेष महत्व है ! गाय को चारा खिलाना चाहिए ! ब्राह्मणो को वस्र  और भोजन कराना चाहिए ! जरूरतमंद की मदद करनी चाहिए !

सोमवती अमावस्या के दिन क्या न करे 

1. देर तक न सोये 

2. किसी का भी अपमान न करे ! बड़ो का सन्मान कर आशीर्वाद ले !

3. ब्रह्मचर्य का पालन करें 

4. अपने बाल और नाख़ून न काटे 

5. मांस मदिरा का सेवन न करे ! न ही शमशान भूमि पर इस दिन जाना चाहिए !

उम्मीद करता हूँ ! आपको आज का हमारा “AMAVASYA KAB HAI जाने सोमवती अमावस्या का महत्व पर लेख जरूर पसंद आया होगा ! अगर आपके मन में हमारे इस लेख से जुड़े कोई भी सवाल है तो आप हमें कमेंट कर सकते है! 

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