सोना खरीदने से पहले जान लो आखिर ये मेकिंग चार्ज का क्या होता है नहीं तो हो सकता है बड़ा नुकसान 

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धनतेरस पर बहुत बड़ी मात्रा में काफी लोग सोना खरीदते हैं 

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जब भी ज्वैलरी खरीदने जाएं तो पहले ही मेंकिंग चार्ज के बारे में जानकारी ले 

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अब शादियों के सीजन भी शुरू होने वाला है तो काफी लोग इस वजह से भी लोग सोना खरीदेंगे

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सोने से ज्वैलरी बनाने में जो लेबर का खर्चा आता है उसे ही उस ज्वैलरी का मेकिंग चार्ज कहते हैं

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अगर आप सोने को सिक्के या बिना ज्वैलरी के रूप में खरीदते हो तो इस पर मेकिंग चार्ज नहीं लगता है

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मेकिंग चार्ज उस आभूषण और उसके डिजाइन पर निर्भर करता है

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जितना ज्वेलरी पर बारीकी काम ज़्यादा होता है उसका मेकिंग चार्ज उतना ही ज्यादा होता है

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आम तौर पर किसी भी सोने की कीमत से 5 से 10 फीसदी के बीच मेकिंग चार्ज लगा होता है

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बाजार में मिलने वाली ज्वैलरी के दाम असल में सोने के दाम से अधिक होते हैं

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ज्‍वैलर्स की ओर से लगाए गए दामों में मेकिंग चार्ज भी शामिल किये होते हैं

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अगर आप कोई भी सोने या चांदी ज्वैलरी खरीद रहे हैं तो डिजाइन में ज्यादा कारीगरी पर ना जाएं

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आप जितना बारीक काम की मांग करेंगे, उतना ही मेकिंग चार्ज बढ़ जायेगा 

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आपको साधारण डिजाइन की ज्वैलरी खरीदनी चाहिए जिसपर मेकिंग चार्ज कम लगता है

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जब आप वापस सोना बेचने के लिए जाते है तो उस समय आपको उसकी उचित कीमत नहीं दी जाती !

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